Ramotsav 2024: भारत और विश्व भर में उत्साह 50 से अधिक देशों में 500 से अधिक सामूहिक अनुष्ठान अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है। इस अवसर के नजदीक आने के साथ ही भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में बसे भारतीयों का उत्साह बढ़ता जा रहा है।
भारत में इस ऐतिहासिक अवसर का उत्सव मनाने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर परिसर में भव्य आयोजन होगा, जिसमें देश–विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। इसके साथ ही देश भर के मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। विश्व भर में बसे भारतीय भी अपने-अपने देश में इस अवसर को बड़े धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। 50 से अधिक देशों में 500 से अधिक सामूहिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। इन अनुष्ठानों में रामायण पाठ, भजन-कीर्तन, भंडारा आदि शामिल होंगे। रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा भारत और विश्व भर के हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। यह अवसर हिंदू धर्म के पुनरुत्थान और एकता का प्रतीक है।
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राम मंदिर बनने से लोगो में उत्साह
अयोध्या में रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर के नजदीक आने के साथ ही भारत और विश्व भर के भारतीयों में केवल उत्साह ही नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्धता भी बढ़ती जा रही है। वे अपने-अपने देश में इस ऐतिहासिक अवसर का उत्सव मनाने की तैयारियों में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के विश्व विभाग के शीर्ष पदाधिकारियों के अनुसार, अभी तक की जानकारी के अनुसार, 50 से अधिक देशों में 500 से अधिक विविध सामूहिक अनुष्ठान के आयोजन को अंतिम रूप दे दिया गया है। कुछ दिन में इनकी संख्या में वृद्धि हो सकती है।
उत्सवों का आयोजन स्थल
अमेरिका में 300 से अधिक हिंदू उत्सव होंगे, जबकि ब्रिटेन में 25, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में 30, मॉरीशस में 100 से अधिक और जर्मनी में 10 से अधिक होंगे। कुछ देशों में हिंदुओं की जनसंख्या बहुत कम है, इसलिए आयरलैंड जैसे देशों में केवल एक-एक ही आयोजन होंगे।
अमेरिका और ब्रिटेन में निकल रहा जुलूस
विदेश में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। इन देशों में बसे हिंदुओं द्वारा जुलूस निकाले जा रहे हैं, राम आधारित गोष्ठियां और बैठकें आयोजित की जा रही हैं। अयोध्या से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा भेजे गए अक्षत का वितरण किया जा रहा है।विश्व विभाग के प्रमुख स्वामी ज्ञानानंद बताते हैं कि विदेशों में बसे भारतीयों में भारत के लोगों से कहीं अधिक उत्साह है। वे 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले आयोजन के लाइव प्रसारण का इंतजाम कर रहे हैं। वे खुद भी रामलला के दर्शन को लेकर उत्सुक हैं। हालांकि, अभी केवल 100 भारतवंशियों को प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में शामिल होने का मौका मिलेगा। बाद में दर्शन के लिए पंजीकरण कराया जा रहा है।
विश्व में 160 से अधिक देशों में हिंदू रहते हैं। इनमें से 30 से अधिक देशों में हिंदू प्रभावी भूमिका निभाते हैं। स्वामी ज्ञानानंद के अनुसार, 50 से अधिक देशों में स्थित मंदिरों में लाइव प्रसारण के जरिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखी जाएगी। साथ ही, वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन देशों में बसे हिंदू समाज द्वारा मंदिरों और घरों में दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे, सजावट की जाएगी। कुछ देशों के समय क्षेत्र भारत से बहुत अलग हैं। ऐसे देशों में सामूहिक रूप से रिकार्डेड प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा।
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